'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ बचपन से हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह जुनून और देश के लिए कुछ कर गुजरने का नारा सुनते हुए आ रहे हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था और इस साल देश उनकी 123वीं जयंती मनाने जा रहा है। नेताजी ने 1919 में भारत छोड़ आंदोलन में हिस्सा लिया। उस दौर में भी भारतीय सिविल सेवा में चयन होने के बावजूद उन्होंने 1921 में इस्तीफा दे दिया और देश की आजादी के लिए आंदोलनों में जुट गए। उनके कई ऐसे विचार है, जिन्हें अपनाकर जीवन के प्रति हमारा नजरिया सकारात्मक होने के साथ हम ऊर्जा से भर जाएंगे ऐसे सिपाही जो अपने देश के प्रति हमेशा वफादार रहते हैं और देश के लिए बलिदान देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उन्हें कभी हराया नहीं जा सकता है।
-एक सच्चे सिपाही को मिलिट्री और आध्यात्मिकता दोनों की ट्रेनिंग लेनी चाहिए।
-संघर्ष किसी भी व्यक्ति को मनुष्य बनाता है। संघर्ष से ही आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
-मैंने अपने अनुभवों से सीखा है, जब भी जीवन भटकता हैं, कोई न कोई किरण उबार लेती है और जीवन से दूर भटकने नहीं देती।
-माँ का प्यार स्वार्थ रहित और होता सबसे गहरा होता है। इसको किसी भी प्रकार नापा नहीं जा सकता।
-यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े, फिर भी वीरों की भांति ही झुकना।
-हमारा कार्य केवल कर्म करना हैं। कर्म ही हमारा कर्तव्य है। फल देने वाला स्वामी ऊपर वाला है।
-एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार जीवन में खुद को अवतार लेगा।
-अपनी ताकत पर भरोसा करो। उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है।
-सफलता हमेशा असफलता के स्तम्भ पर खड़ी होती है।
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